पंजाब में जहरीली शराब के कारण हो रही लोगों की मौत के पांचवें दिन, रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। राज्य में जहरीली शराब से 5 दिन में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री का गृहजिला संगरूर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है।
आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले में हुई गिरफ्तारी के विरोध में होने वाले प्रदर्शन में हिस्सा लेने और केजरीवाल के परिवार से मिलने के लिए भगवंत मान दो दिन से दिल्ली में थे। रविवार सुबह वह दिल्ली से सीधे संगरूर पहुंचे। उनके अलावा पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भी पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं।
पीड़ित परिवारों को दी जाएगी मदद
सीएम भगवंत मान ने पीड़ित परिवारों काे आश्वासन दिया है कि प्रशासन द्वारा मामले की पूरी जांच की जा रही है। सरकार की तरफ से पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद मदद की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। इस दौरान लोगों ने इलाके में बिक रहे नशे का मुद्दा उठाया। जिस पर भगवंत मान ने कहा कि उन्हें लोगों ने बताया है। कल तक नशा तस्करों को पकड़ लिया जाएगा।
संगरुर में हुई सबसे ज्यादा मौत
पंजाब के संगरूर में सबसे अधिक मौते हुई हैं। मरने वाले 21 में से 19 लोग यहीं से हैं। अन्य दो पटियाला जिले के हैं। मंगलवार रात शुरू हुआ मौतों का सिलसिला शनिवार तक जारी रहा। 23 के आसपास लोग अभी भी संगरूर और पटियाला के अस्पतालों में भर्ती हैं।
पीड़ित परिवारों से मिलते हुए सीएम भगवंत मान व मंत्री चीमा की तस्वीरें-
डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने इस मामले में चीफ सेक्रेटरी और DGP से रिपोर्ट मांगी है, ताकि चुनाव आयोग को सूचना दी जा सके। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहले ही इस मामले में चीफ सेक्रेटरी और DGP से रिपोर्ट तलब कर चुका है।
वहीं पटियाला के तेईपुर गांव में जहरीली शराब की फैक्ट्री चलाने वाला 29 साल का मास्टरमाइंड हरमनप्रीत सिंह पहले से ही डिफॉल्टर है। तेईपुर व मतौली के 300 लोगों से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है। यह ठगी उसने 2019 से 2022 के दौरान गांव की सहकारी समिति के सेक्रेटरी रहने के दौरान की थी।
समिति की आमदनी बढ़ाने और लोगों को बड़ा लाभ पहुंचाने का लालच देकर उसने गांववासियों की मेहनत की कमाई को सहकारी समिति में जमा कराने के नाम पर वसूला। लेकिन इसे जमा कराने की बजाय हड़प लिया।
किडनैपिंग की एक झूठी कहानी गढ़ी
लोगों के मुताबिक, हरमनप्रीत ने समिति के 8 लाख रुपए हड़पने के लिए अपनी किडनैपिंग की एक झूठी कहानी गढ़ी थी, जिसे गांव के लोगों ने ही नाकाम कर दिया था। इसके बाद उसने किडनैपिंग कर एक करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में संगरूर जेल में एक साल बिताने के दौरान नकली शराब बनाने का नेटवर्क तैयार कर लिया था।
तीन महीने पहले जेल से छूटकर आने के बाद से ही गांव वाले उस पर अपना पैसा वापस देने का दबाव बना रहे थे। इस पर उसने शराब तस्करी का शॉर्टकट चुना। उसने यूट्यूब पर वीडियो देखकर घर में ही सस्ती शराब बनाने की फैक्ट्री लगाई थी। यह उसकी पहली डिलीवरी थी। 35 साल के हरमनप्रीत ने शराब में एथेनॉल मिलाया था जिसकी वजह से वह जहरीली हो गई।
4 दिन में मौतें कैसे बढ़ती गईं सिलसिलेवार पढ़िए……
20 मार्च से शुरू हुआ सिलसिला, 4 लोगों की मौत
संगरूर जिले के गुज्जरां गांव में जहरीली शराब से लोगों के मरने का सिलसिला मंगलवार रात को शुरू हुआ। मंगलवार शाम को गांव के बाहर बने ठेके से सस्ती शराब खरीदकर पीने के कुछ घंटे बाद ही लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। गांव के जगजीत सिंह (26), परगट सिंह (46), भोला सिंह (58) और लाड्डी (37) ने रात में ही दम तोड़ दिया।
बुधवार सुबह घटना की खबर फैलते ही पुलिस-प्रशासन गांव पहुंचा और 40 लोगों को संगरूर सिविल अस्पताल पहुंचाया। इनमें से 20 लोगों को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल रेफर कर दिया गया।
21 मार्च को 3 और ने तोड़ा दम
पटियाला रेफर किए गए 20 लोगों में से 3 ने गुरुवार को वहां दम तोड़ दिया। इनमें 28 साल का गुरसेवक सिंह उपली गांव का रहने वाला था, जबकि कुलदीप सिंह (27) व कृपाल सिंह (50) ढंडोली खुर्द के थे।
22 मार्च को 10 और लोगों की जान गई
शुक्रवार को 10 और लोगों की मौत हो गई। इनमें गुज्जरां गांव के जरनैल सिंह व हरजीत सिंह के अलावा सुनाम की टिब्बी रविदासपुरा बस्ती के बुध सिंह, दर्शन सिंह पुत्र भीम सिंह व दर्शन सिंह पुत्र कपूर सिंह शामिल रहे।
सुनाम के रवि व कर्मजीत सिंह, जखेपल गांव के ज्ञान सिंह, लेहलकलां के लच्छा सिंह और समाना के सफी नाथ ने भी शुक्रवार को दम तोड़ दिया। इनमें से लच्छा सिंह और सफी नाथ तो टिब्बी रविदासपुरा में अपने रिश्तेदार के घर आए हुए थे और वहीं पर सस्ती शराब पी ली थी।
23 मार्च को मरने वालों संख्या 21 हो गई
शनिवार यानि 23 मार्च को 4 और लोगों की मौत हो गई। इनमें गुज्जरां गांव का निर्मल सिंह और सुनाम की रविदासपुरा टिब्बी बस्ती के सुखदेव सिंह और बिट्टू शामिल रहे। दर्जनभर के आसपास लोग अभी भी संगरूर और पटियाला में भर्ती हैं।
ADGP बोले- 23 लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती
मामले की जांच के बनाई गई पंजाब पुलिस की SIT के प्रमुख ADGP गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि 23 के आसपास मरीज अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस मामले में अभी तक 3 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। ये FIR संगरूर जिले के दिड़बा, सुनाम सिटी और चीमा थाने में दर्ज की गई है। इनमें शिकायतकर्ता मरने वाले लोगों के परिवार के मेंबर हैं।
ADGP गुरिंदर सिंह ढिल्लों के मुताबिक इस पूरे मामले में कुल 10 आरोपी हैं, जिनमें से 8 गिरफ्तार हो चुके हैं। बाकी दो लोगों की तलाश चल रही है।
SHO समेत 3 अधिकारी सस्पेंड
आबकारी विभाग ने लापरवाही बरतने पर सुनाम सर्कल में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह, पातड़ां के इंस्पेक्टर कश्मीरा सिंह, दिड़बा के इंस्पेक्टर मोहन सिंह को सस्पेंड कर दिया है। जहरीली शराब इस थाने के तहत आते पांतड़ा गांव में ही बनाकर सप्लाई की गई थी।
जांच के लिए विसरा भेजा जाएगा
पुलिस मरने वालों का पोस्टमॉर्टम करवा रही है। इस दौरान मृतकों का विसरा लिया जाएगा ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। संगरूर के सिविल सर्जन डॉ. कृपाल सिंह ने बताया कि चार दिन में अस्पताल के अंदर 40 लोगों को भर्ती कराया गया। इनमें से 20 की मौत हो चुकी है। बाकी 20 लोगों में से 11 को पटियाला के राजिंदरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया जा चुका है। कुछ लोग बगैर इलाज करवाए भी चले गए।
महिला समेत 8 गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, मरने वाले लोगों ने सुखविंदर सिंह और मनप्रीत सिंह से सस्ती शराब खरीदी। 25 साल का मनप्रीत सिंह उर्फ मनी संगरूर के गुज्जरां गांव का रहने वाला है। इसी गांव में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
इस मामले के दूसरे मुख्य आरोपी गुरलाल सिंह उर्फ गिफ्टी को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। 32 साल का गुरलाल संगरूर के उब्बनवाल गांव का रहने वाला है। इस मामले में नामजद सुखविंदर पर 4, मनप्रीत पर 2, गुरलाल पर 5 और हरमनप्रीत पर पहले से एक केस दर्ज है।
संगरूर के SSP सरताज सिंह चहल ने बताया कि एक महिला समेत 4 और लोग भी पकड़े गए हैं। इनमें चौवास जखेपल गांव का प्रदीप सिंह उर्फ बब्बी, सोमा, सांझू और रोगला गांव का अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श शामिल है।
मंत्री बोले- सरकार जिम्मेदार नहीं
पंजाब के एक्साइज मिनिस्टर हरपाल सिंह चीमा पर सवाल उठ रहे हैं। अकाली दल ने उनके इस्तीफे की डिमांड की है। उधर पंजाब सरकार भी हरकत में आ गई है। शनिवार को मंत्री अमन अरोड़ा ने पीड़ित परिवारों से बात की।
अरोड़ा ने कहा कि अगर कोई शख्स सरकारी ठेके से शराब खरीद कर मरता है तो उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है लेकिन अगर कोई किसी से सस्ती शराब खरीदता है तो उसके लिए सरकार कैसे जिम्मेदार हो सकती है?
भाजपा प्रवक्ता बोले- पंजाब सरकार जिम्मेदार
उधर, भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि जहरीली शराब से पंजाब में 21 लोगों की मौत हुई है, लेकिन पंजाब सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। यह एक राज्य प्रायोजित हत्या है और पंजाब की AAP सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। पंजाब के CM भगवंत मान, जिनकी जिम्मेदारी पंजाब को चलाने की है, वह राज्य छोड़कर दिल्ली में राजनीति कर रहे हैं।
वहीं पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि खुद के कट्टर इमानदार होने का दावा करने वाली AAP के लिए यह बहुत शर्मनाक है कि पंजाब में मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में 20 लोग जहरीली शराब से मारे गए।